लेखनी - आज़ादी का अमृतकाल
आजादी का अमृतकाल
देश आज आजादी के 76 साल पूरे कर चुका है। टीवी पर प्रधानमंत्री जी राष्ट्र को संबोधित कर रहे हैं। अनेक मुद्दों पर उन्होंने अपना नजरिया रखा है। परंतु एक बात जो उन्होंने आज के दिन, लालकिले की प्राचीर से देशवासियों के समक्ष रखी वो थी, नारियों के प्रति सम्मान की भावना को मजबूत बनाने के विषय में।
नारी जो स्वयं एक शक्ति का स्वरूप है। इस देश में उसे देवी का दर्जा दिया जाता है। नवदुर्गाओं की आराधना की जाती है। तो फिर ऐसा क्यों है कि एक राष्ट्र प्रधान अपने समस्त देशवासियों को इस समस्या के प्रति जागरूक कर रहा है।
स्त्रियां जो हर कार्य में स्वयं सिद्ध होती है। तो फिर क्यों वो अपने हक के सम्मान के लिए भी जूझती है। प्रकृति ने स्त्री को नज़ाकत, सौम्यता, रूप, गुण, बुद्धि, संस्कार, दया, करुणा, ममता, पवित्रता आदि जैसे तत्वों से गढ़ा है। वो कठिन से कठिन परिस्थितियों से स्वयं को और अपने परिवार को निकलने में सक्षम होती है। फिर भी उसे अपने हिस्से का आदर भाव नहीं मिलता। कदम कदम पर उसे तिरस्कृत किया जाता है। कटु परंतु सत्य है।
हमारे भगवान, या फिर वो एक अनंत ऊर्जा जो नित्य प्रति इस संसार को चलायमान रखते हैं, वो स्वयं भी आद्य शक्ति के उपासक हैं। प्रकृति ही उन्हें परमपिता बनाती है।
स्त्री तो साक्षात प्रकृति का रूप होती है।
आज के इस खास मौके पर प्रधानमंत्री जी ने नारियों के सम्मान के लिए आवाज उठाई है। उन्होंने हर नागरिक की भागेदारी मांगी है कि देश के किसी भी कोने में, किसी भी घर में स्त्री का अपमान ना हो।
हमें एक ऐसे राष्ट्र का निर्माण करना होगा, जहां, बेटियां, पत्नियां अपने आपको सुरक्षित महसूस कर सकें। उन्हें घरेलू, सामाजिक हिंसा आदि का सामना न करना पड़े।
हमें अपने बच्चों को आने वाले भविष्य के लिए कुछ इस तरह से तैयार करना होगा कि जो भेद प्रकृति ने स्त्री पुरुष के बीच बनाए हैं, उन्हे छोड़ कर इन दोनों के मध्य और कोई अंतर ना हो।
आइए, इस स्वतंत्रता दिवस के अमृतकाल में, आने वाले 25 सालों में एक ऐसे भारत को तैयार करें, जहां चहकती, मुस्कुराती, आगे बढ़ती नारियां हों और उनका भरपूर सम्मान करते हमारे पुरुष।।
🙏 साभार
प्रियंका वर्मा
15/8/22
Swati chourasia
15-Sep-2022 04:27 PM
Very nice
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Priyanka Verma
17-Aug-2022 09:42 PM
Thank you so much 🙏, 💐😊💐💐💐, my dear friends
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Chetna swrnkar
17-Aug-2022 08:56 PM
Nice
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